तेज़-तर्रार लाइफस्टाइल में मेंटल हेल्थ नज़रअंदाज़ हो जाती है, जिससे चिंता, बर्नआउट और गंभीर बीमारियाँ बढ़ जाती हैं। डॉ. की सलाह जानें:
1️⃣ समय सीमाएं तय करें
टाइम टेबल बनाएँ—काम, परिवार और आराम के घंटे फिक्स रखें।
फ्लेक्सिबिलिटी—जरूरत पड़ने पर रूटीन में एडजस्टमेंट करें, बर्नआउट से बचें।
2️⃣ माइंडफुलनेस अपनाएँ
मेडिटेशन—रोज़ाना 10–15 मिनट ध्यान लगाएँ।
सांस के व्यायाम—डीप ब्रीदिंग तकनीक से तनाव घटाएँ।
योग अभ्यास—माइंडफुल योगा से मन शांत और फोकस रीडायरेक्ट होता है।
3️⃣ पौष्टिक आहार लें
ओमेगा‑3 फैटी एसिड—मछली, अलसी व अखरोट।
एंटीऑक्सिडेंट—बेरी, हरी पत्तेदार सब्जियाँ।
विटामिन्स व मिनरल्स—मैग्नीशियम, जिंक, आयरन के स्रोत।
प्रोबायोटिक्स—दही, छाछ से गट माइंड एक्सेस बढ़ाएँ।
दिनभर में 7–8 ग्लास पानी पीएँ।
4️⃣ डिजिटल डिटॉक्स करें
स्क्रीन टाइम लिमिट—काम के बाद फोन/लैपटॉप से दूरी बनाएँ।
ब्रेक लें—हर घंटे 5 मिनट की आँखें बंद कर आराम करें।
सेल्फ-केयर इंटरनेट फ्री—रात को सोने से पहले स्क्रीन बंद रखें।
5️⃣ एक्सपर्ट की मदद लें
साइकेट्रिस्ट से कंसल्ट—जब चिंता या डिप्रेशन बढ़ें।
थेरेपी और दवा—एविडेंस-बेस्ड ट्रीटमेंट से मेंटल वेल-बीइंग ठीक करें।
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