नई दिल्ली: बड़े करेक्शन बाद अप्रैल 2025 से भारतीय शेयर बाजार ने अच्छा कमबैक किया है। पिछले 3 महीने में अच्छे कंपनियों के स्टॉक जो बेवजह करेक्शन का शिकार हो गए थे उनमें बाउंस बैक देखा गया है। इस दौरान डिफेंस सेक्टर के स्टॉक भी अच्छा परफॉर्मेंस करते हुए नजर आए। इसकी पुष्टि म्युचूअल फंड के डिफेंस सेक्टर आधारित स्कीम के परफॉर्मेंस से भी हो रही है। पिछले 3 महीने के दौरान बाजार के 6 फंड जोकि एक्टिव और पैसिव दोनों तरह के हैं उन्होंने निवेशकों को 60 फ़ीसदी तक का रिटर्न बना कर दिया है। इन म्युचूअल फंड स्कीम का जलवारिटर्न देने में सबसे आगे मोतीलाल ओसवाल निफ़्टी इंडिया डिफेंस ईटीएफ रहा है। जिसने पिछले 3 महीने में 60.49% का रिटर्न दिया है। दूसरे पायदान पर भी मोतीलाल ओसवाल की स्कीम है। जिसका नाम मोतीलाल ओसवाल निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स फंड है। जिसने 60.23% का रिटर्न बना कर दिया है। तीसरे पायदान पर ग्रो निफ्टी इंडिया डिफेंस ईटीएफ है। जिसने 60% का रिटर्न दिया है। आदित्य बिरला एसएल निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स फंड 59.96% रिटर्न दिया है। ग्रो निफ्टी इंडिया डिफेंस ईटीएफ एफओएफ ने 59.45% रिटर्न बना कर दिया है। वहीं एचडीएफसी डिफेंस फंड में पिछले 3 महीने के दौरान 45% रिटर्न बना कर दिया है। डिफेंस म्युचूअल फंड्स में तेजी की ये प्रमुख वजहें–1. डिफेंस सेक्टर में ऑपरेट करने वाली कंपनियों का फाइनेंशियल ईयर 2025 का मार्च क्वार्टर रिजल्ट मजबूत रहा है।2. रक्षा के लिए केंद्र सरकार की नीतियां अपने एक्टिव मोड में है। सरकार लगातार कैपिटल एलॉटमेंट में वृद्धि कर रही है। 3. भारत के पड़ोसी मुल्कों विशेषकर पाकिस्तान की सीमा पर हालिया समय में बढ़ी हुई झड़प ने भारत की डिफेंस की नई जरूरत और असल क्षमताओं को उजागर किया है। जो डिफेंस सेक्टर को ट्रिगर किया है।4. भारत के डिफेंस संबंधित प्रोडक्ट की ग्लोबल लेवल पर भी डिमांड देखी जा रही है। जिसने डिफेंस सेक्टर के स्टॉक पर अपना पॉजिटिव प्रभाव छोड़ा है।अब आप सोच रहे होंगे डिफेंस म्युचूअल फंड्स में तेजी और इस सेक्टर के लिए दिख रही कई सारे पॉजिटिव फैक्टर के बाद क्या यहां पर निवेश करना उचित रहेगा? तो बता दे कि मार्केट एक्सपर्ट और स्क्रिपबॉक्स के सीईओ अतुल शिंगल का मानना है कि भारत के डिफेंस सेक्टर की लॉन्ग टर्म ग्रोथ की स्टोरी अभी भी मजबूत बनी हुई है इस पर कोई दो राय नहीं है लेकिन सवाल है वैल्यूएशन का? वर्तमान समय के इस वैल्यूएशन पर फ्रेश निवेश के लिए रिस्क एंड रीवार्ड कुछ ख़ास आकर्षक नहीं नजर आता है। शिंगल ने कहा है कि डिफेंस सेक्टर में होल्डिंग को 4% तक सीमित रखें और अगर आपको यहां पर रिटर्न ज्यादा मिल रहा है तो प्रॉफिट बुकिंग कर लें। अगर निवेश का सोच रहे हैं तो इंतजार करें और करेक्शन होने पर या फिर नीतिगत बदलाव होने की स्थिति में दोबारा निवेश करने के बारे में सोचें।(डिस्क्लेमर– ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
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