मुरैना के वार्ड 47 के शांति धाम में एक अजीब घटना घटी। जीतू प्रजापति, जो लंबे समय से किडनी की समस्या से ग्रस्त था, 30 मई को अचानक गंभीर हो गया। उसके परिवार ने जब उसके शरीर में कोई हलचल नहीं देखी, तो उन्हें लगा कि उसकी मृत्यु हो गई है। उन्होंने उसकी सांस और धड़कन की जांच की, लेकिन कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी।
परिजनों ने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को बुलाकर अर्थी तैयार की और अंतिम यात्रा शुरू की। विश्राम घाट पहुंचने पर, चिता सजाई गई, लेकिन कुछ समय बाद जीतू के शरीर में हलचल होने लगी। यह देखकर परिवार के लोग हैरान रह गए और तुरंत डॉक्टर को बुलवाया।
डॉक्टर ने युवक की ईसीजी की और उसे गंभीर हालत में ग्वालियर रेफर किया। शव यात्रा में शामिल एक व्यक्ति ने बताया कि वे उसे मृत समझकर अंतिम संस्कार करने वाले थे, लेकिन अचानक उसकी हलचल ने सबको चौंका दिया।
सीएमएचओ राकेश शर्मा ने कहा कि मौत की पुष्टि से पहले मरीज का दो बार चेकअप किया जाता है। जांच के आधे घंटे बाद ही उसकी स्थिति का सही आकलन किया जा सकता है।
परिजनों ने कहा कि जीतू के जीवित होने की खबर ने उन्हें राहत दी। उन्हें लगा कि अब वे उसका इलाज करवा सकते हैं। अगर उसकी हलचल अंतिम संस्कार से पहले नहीं होती, तो उसकी अंतिम यात्रा सच में हो जाती। इस घटना की जानकारी मिलते ही विश्राम घाट पर भीड़ इकट्ठा हो गई।
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