कोलकाता, 23 मई . तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में केंद्र सरकार के साथ है. इस मुद्दे पर कोई किंतु-परंतु नहीं होना चाहिए, क्योंकि अब आतंकवादियों को माकूल जवाब देने का वक्त आ चुका है.
कुणाल घोष ने समाचार एजेंसी से बातचीत में तृणमूल कांग्रेस को एक जिम्मेदार विपक्ष बताते हुए कहा कि पार्टी चाहती है कि आतंकवाद का समूल विनाश किया जाए. आतंकवाद के विषय को लेकर भी किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं है.
उन्होंने कहा कि अभी कई प्रतिनिधिमंडल दूसरे देशों में गए हैं, जहां वे देश का पक्ष मजबूती से रख रहे हैं. इस प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी भी शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मांग की है कि जब ये सभी प्रतिनिधिमंडल स्वदेश वापस लौटें, तो संसद का एक विशेष सत्र आहूत किया जाए, जिसमें आतंकवादी हमले के बाद क्या-क्या कदम केंद्र सरकार की तरफ से उठाए गए, जिस तरह से दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति पैदा हुई, उस दौरान क्या-क्या कदम उठाए गए और उसके क्या परिणाम निकले, इसकी जानकारी केंद्र सरकार को संसद में देनी चाहिए. इसी को देखते हुए ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से संसद का विशेष सत्र आहूत करने की मांग की है.
तृणमूल कांग्रेस ने बताया कि मौजूदा समय में देश का प्रतिनिधिमंडल टोक्यो में भी है, जिसमें अभिषेक बनर्जी भी शामिल हैं. वह वहां प्रतिनिधिमंडल की तरफ से निर्धारित किए गए सभी कामों को कर रहे हैं. इसके अलावा, वे वहां पर स्थित राजबिहारी बोस की समाधि पर भी गए. वहां उन्हें जो भी समस्याएं दिखीं, उनके बारे में उन्होंने तत्काल टोक्यो स्थित भारत के राजदूत को जानकारी दी और आग्रह किया कि राजबिहारी बोस की समाधि की देखभाल की जाए, क्योंकि वह एक बंगाली विद्वान और राष्ट्र प्रेमी थे. ऐसे में उनके समाधि स्थल के रखरखाव की जिम्मेदारी निभाना भारत सरकार की जिम्मेदारी हो जाती है.
कुणाल घोष ने बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार के भारत लौटने पर भी खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि यह हम सभी लोगों के लिए खुशी की बात है कि पूर्णम कुमार आज स्वदेश लौट रहे हैं. उन्हें पाकिस्तान ने पकड़ लिया था. इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी काफी सक्रिय रहीं. उन्होंने जवान की वतन वापसी के लिए अपनी तरफ से भरसक प्रयास किए. साथ ही, मुख्यमंत्री जवान के परिवार के साथ भी संपर्क में बनी रहीं और उन्होंने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि उनके परिवार को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो.
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एसएचके/एकेजे
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