इस साल शनि जयंती का पर्व 27 मई 2025 को मनाया जाएगा। प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को शनि जयंती का आयोजन होता है। यह दिन शनि देव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और शनिदेव प्रसन्न होकर जीवन की बाधाओं को दूर करते हैं। साथ ही पितृ दोष से मुक्ति भी मिलती है।
पितरों को तर्पण और पिंडदान का महत्व
शनि जयंती पर पितरों को प्रसन्न करने हेतु गंगाजल मिले पवित्र जल से घर या नदी में तर्पण करें। तर्पण करते समय ‘ॐ पितृदेव्यै नमः’ या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करना शुभ होता है। इसके अतिरिक्त, जल में काले तिल, दूध और कुशा मिलाकर पिंडदान करना पितृ शांति के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है। यह उपाय पितृ दोष को शांत करने में विशेष रूप से सहायक होता है।
जरूरतमंदों को भोजन कराएं
शनि जयंती के दिन ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन करवाना पितृ शांति और शनि की कृपा दोनों पाने का एक सरल और प्रभावशाली उपाय है। आप चाहें तो खीर, पूरी, कद्दू, चने की दाल जैसे पारंपरिक पकवानों के साथ भोजन करवाएं। भोजन में तिल और काले नमक का प्रयोग करना विशेष फल देता है। यदि संभव हो, तो किसी वृद्धाश्रम या अनाथालय में भोजन वितरण करें, इससे पुण्य फल कई गुना बढ़ जाता है।
पीपल की पूजा करें और दीपदान अवश्य करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पीपल के वृक्ष में पितरों का वास होता है। शनि जयंती के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और सात परिक्रमाएं करें। इसके पश्चात पितरों की शांति के लिए प्रार्थना करें। मान्यता है कि इस विधि से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति आती है।
इन मंत्रों का करें जाप
शनि देव और पितरों की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए निम्न मंत्रों का जाप शनि जयंती के दिन करना अत्यंत शुभ माना गया है:
पितरों के लिए: ॐ श्री पितृभ्यः नमः।
शनि देव के लिए: ॐ शं शनैश्चराय नमः।
यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष मौजूद है, तो जीवन में विभिन्न प्रकार की अड़चनें और बाधाएं आ सकती हैं। लेकिन शनि जयंती के दिन उपरोक्त उपायों को करने से पितृ दोष का प्रभाव कम होता है और शनिदेव की कृपा से जीवन की मुश्किलें धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।