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हमें सिंगापुर से CDS के बोलने का इंतजार क्यों करना पड़ा... कांग्रेस ने केंद्र से पूछा सवाल, 'ऑपरेशन सिंदूर' पर सियासत तेज

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नई दिल्ली: 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर कांग्रेस और केंद्र सरकार के बीच तनातनी लगातार बढ़ती जा रही है। अब कांग्रेस के सांसद जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर सैन्य मामलों को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' की जानकारी सबसे पहले CDS जनरल अनिल चौहान ने विदेश में दी। रमेश के अनुसार, यह जानकारी पहले देश के नेताओं को मिलनी चाहिए थी। उन्होंने सरकार की पारदर्शिता पर निराशा जताई है। रमेश का कहना है कि यह जानकारी रक्षा मंत्री को संसद में देनी चाहिए थी।



रमेश ने कहा कि यह पहली बार है जब सरकार ने भारतीय सेना के नुकसान और भारत की जवाबी कार्रवाई की जानकारी दी है। उनके अनुसार, यह जानकारी सरकार को पहले भारत में देनी चाहिए थी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण दिया। रमेश ने बताया कि 1999 में कारगिल युद्ध के बाद वाजपेयी ने तुरंत एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने रिपोर्ट दी और उसे संसद में पेश किया गया। रमेश ने कहा कि यही पारदर्शिता होती है।





रमेश ने कहा कि सैन्य मामलों पर सेना को ही बात करनी चाहिए, लेकिन चीन-पाकिस्तान के रिश्तों जैसे राजनीतिक मुद्दों पर सभी पार्टियों से बात होनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि संसद को इस बारे में क्यों नहीं बताया गया? उन्होंने कहा कि देश में चुप्पी क्यों है और विदेश में बयान क्यों दिए जा रहे हैं?



'...सरकार की पारदर्शिता पर सवाल उठता है'रमेश का कहना है कि रक्षा मंत्री की ओर से सही समय पर जानकारी न देने से सरकार की पारदर्शिता पर सवाल उठता है। उन्होंने कहा कि हमें अपने सैन्य अभियानों के बारे में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और विदेशी मीडिया से पता नहीं चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में बेहतर काम करना चाहिए। जयराम रमेश ने सरकार से पूछा कि जनरल चौहान ने सिंगापुर में यह जानकारी क्यों दी? रक्षा मंत्री ने इस बारे में संसद में क्यों नहीं बताया? उन्होंने कहा कि भारत को लोकतंत्र का जनक कहा जाता है, इसलिए सरकार को ज्यादा पारदर्शी होना चाहिए।





सीडीएस ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर क्या जानकारी दी? भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान के दावों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के 6 लड़ाकू विमानों को मार गिराने की बात पूरी तरह से झूठी है। 'ब्लूमबर्ग टीवी' को दिए एक इंटरव्यू में चौहान ने ये बात कही है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह कहना भी गलत है कि भारत और पाकिस्तान परमाणु युद्ध के करीब थे। जनरल चौहान ने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत के रास्ते हमेशा खुले हैं, ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपनी गलतियों से सीखता है और उन्हें सुधारता है।

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