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New pension gift for Central employees : न्यूनतम ₹10,000 पेंशन, पारिवारिक लाभ और अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं

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New pension gift for Central employees

नई दिल्ली: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए कई ऐसी योजनाएं हैं जो उनके भविष्य और परिवार के सपनों को पंख देती हैं। आपने फैमिली पेंशन की सुविधा के बारे में सुना होगा, जो कर्मचारी की मृत्यु के बाद भी परिवार को 60 प्रतिशत पेंशन की गारंटी देती है। इस योजना के तहत ग्रेच्युटी के अलावा रिटायरमेंट पर एकमुश्त भुगतान भी किया जाता है।

सरकार ने नई योजना की शुरुआत 1 अप्रैल 2025 से की है। इस योजना के तहत न्यूनतम 10,000 रुपये पेंशन की सुविधा दी जाती है। इस राशि को पाने के लिए कुछ जरूरी शर्तें और नियम होंगे। सबसे पहले आप नीचे दिए गए लेख में कुछ जरूरी बातें समझ सकते हैं।

योजना के बारे में जानें.

सरकार की कल्याणकारी योजना के तहत सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत गारंटीड पेंशन के रूप में देने का प्रावधान है। 25 वर्ष की न्यूनतम अर्हक सेवा के लिए सेवानिवृत्ति से पहले के अंतिम 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाता है।

यह वेतन न्यूनतम 20 वर्ष की सेवा अवधि के अनुपात में होगा। सबसे खास बात यह है कि कर्मचारियों को पारिवारिक पेंशन की सुविधा भी मिलती है। अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो पेंशन लाभ का 60 फीसदी हिस्सा परिवार को दिया जाता है। वहीं, इस योजना के तहत ग्रेच्युटी के अलावा रिटायरमेंट पर एकमुश्त भुगतान किया जाता है।

जानें किन कर्मचारियों के लिए

सरकार ने एनपीएस में शामिल उन कर्मचारियों के नामांकन को सक्षम करने के लिए ये नियम बनाए हैं जो 1 अप्रैल, 2025 तक सेवा में हैं और अप्रैल 2025 को या उसके बाद केंद्र सरकार की सेवाओं में भर्ती हुए कर्मचारी हैं। केंद्र सरकार के कर्मचारियों की इन सभी श्रेणियों के लिए नामांकन और दावा फॉर्म 1 अप्रैल, 2025 से प्रोटीन सीआरए की वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध है। इसके साथ ही कर्मचारियों के पास फॉर्म को भौतिक रूप से जमा करने का विकल्प भी है।

ओपीएस और यूपीएस में क्या अंतर है?

जानकारी के लिए बता दें कि जनवरी 2004 से पहले सरकार की OPS योजना प्रभावी थी। इसके तहत कर्मचारियों को मूल वेतन का 50 प्रतिशत (आधा) पेंशन मिलने का प्रावधान था। OPS से अलग UPS अंशदायी प्रकृति का है। इसमें कर्मचारियों को मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत अंशदान करना होगा। इसके अलावा नियोक्ता का अंशदान 18.5 प्रतिशत होगा।

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