नई दिल्ली। भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर पहुंचे। यहां उन्होंने भारतीय नौसेना के जवानों से बातचीत की। आपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि पाकिस्तान भारतीय नौसेना से भली भांति वाकिफ है। पाकिस्तान जानता है कि जब भारतीय नौसेना पूरे ज़ोर से चलती है तो उसका अंजाम क्या होता है। 1971 इसका गवाह है कि जब भारतीय नौसेना हरकत में आई थी, तो पाकिस्तान एक से दो हो गया था। अगर ऑपरेशन सिंदूर में नौसेना हरकत में आई होती तो पाकिस्तान के चार टुकड़े हो गए होते।
राजनाथ सिंह ने कहा कि इस बार तो पाकिस्तान को भारतीय नौसेना की फायर पावर का सामना नहीं करना पड़ा, मगर पाकिस्तान ने फिर से कोई नापाक हरकत की, तो हो सकता है कि अगली बार ओपनिंग हमारी नेवी के हाथों से हो। पाकिस्तान इस बात को गांठ बांध कर रखे कि हमारी नौसेना अगर समंदर की तरह शांत है, तो वह समंदर की ही तरह सुनामी लाने की क्षमता भी रखती है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। यह सिर्फ एक विराम है, एक चेतावनी है। अगर पाकिस्तान ने फिर वही गलती की तो भारत का जबाब और भी कठोर होगा और इस बार पाकिस्तान को संभलने का मौका नहीं मिलेगा।
रक्षामंत्री बोले, पाकिस्तान को यह साफ समझ लेना चाहिए कि आतंकवाद के जिस खतरनाक खेल को वह खेलता आ रहा है, उसकी मियाद अब खत्म हो चुकी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि आईएनएस विक्रांत की मौजूदगी, उसकी मारक क्षमता और नौसेना के आप जैसे रणबांकुरों की अडिग निष्ठा, यह सब मिलकर भारत को एक ऐसे मुकाम पर ले जा रहे हैं, जहाँ से कोई भी चुनौती हमारे सामने छोटी नज़र आ रही है। ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं है बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का फ्रांटल एसाल्ट है। हम आतंकवाद के खिलाफ उन तरीकों का इस्तेमाल करने में भी संकोच नहीं करेंगे, जो पाकिस्तान सोच भी नहीं सकता है।
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