काठमांडू, 30 मई . मानव तस्करी के आरोप में घिरे नेपाल के गृहमंत्री रमेश लेखक पर पद छोड़ने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. पिछले तीन दिनों से संसद की कार्रवाई लगातार नहीं चलने देने वाले विपक्षी दलों ने एक बार फिर से कहा है कि जब तक गृह मंत्री का इस्तीफा नहीं हो जाता, तब तक संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी जाएगी.
संसद की कार्रवाई को सुचारु करने के लिए स्पीकर देवराज घिमिरे ने आज सभी दलों के प्रमुख सचेतकों की बैठक बुलाई थी. उन्होंने बजट पर चर्चा करने के लिए संसद की कार्रवाई को सुचारु करने का आग्रह सभी दलों से किया, लेकिन विपक्षी दलों ने एक स्वर में गृह मंत्री के इस्तीफा के बिना संसद की कार्यवाही नहीं चलने देने की बात दोहराई है.
माओवादी के प्रमुख सचेतक देव गुरूंग ने स्पीकर के साथ हुई बैठक के दौरान कहा कि विपक्षी दलों ने पहले ही इस बात की जानकारी कर दी थी कि सिर्फ बजट पेश करने के लिए ही संसद की कार्रवाई चलने दी जाएगी. उसके बाद जब तक गृहमंत्री का इस्तीफा नहीं आ जाता, तब तक यह कार्रवाई नहीं चलने दी जाएगी.
माओवादी की तरह दूसरे राजनीतिक दल भी गृहमंत्री के इस्तीफा को लेकर अड़े हुए हैं. विपक्षी खेमे में राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के प्रमुख सचेतक संतोष परियार ने कहा कि गृहमंत्री का इस्तीफा ही हमारी मुख्य मांग है और जब तक यह इस्तीफा नहीं हो जाता, तब तक सदन की कार्रवाई नहीं चलने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि जब गृह मंत्री विपक्षी बेंच में थे, तब वह ऐसे ही आरोप लगने पर तत्कालीन मंत्रियों का इस्तीफा मांगते थे और नैतिकता की बात करते थे. आज जब वह खुद मानव तस्करी जैसे गंभीर आरोप में घिरे हैं, तो उन्हें तत्काल नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.
उधर सड़कों पर राजतंत्र की वापसी के लिए प्रदर्शन कर रही राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने भी गृहमंत्री के इस्तीफा की मांग पर विपक्षी दलों के निर्णय पर सहमति जताई है. आरपीपी के प्रमुख सचेतक ज्ञानेंद्र शाही ने कहा कि गृहमंत्री को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए और यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो प्रधानमंत्री को यह चाहिए कि उन्हें पद से बर्खास्त करें. जब तक गृहमंत्री की बर्खास्तगी नहीं हो जाती, तब तक सदन नहीं चलने दिया जाएगा और बजट पर भी कोई चर्चा नहीं होगी.
नेपाल के गृहमंत्री रमेश लेखक के निजी सचिवालय में कार्यरत चार निजी सहायक और काठमांडू स्थित त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के इमिग्रेशन विभाग के प्रमुख सहित 9 कर्मचारियों के खिलाफ लाखों रुपये की वसूली कर मानव तस्करी का संजाल चलाने के आरोप में जांच हो रही है. एंटी करप्शन ब्यूरो और केन्द्रीय अनुसंधान ब्यूरो की जांच में यह बात सामने आया है कि गृहमंत्री के निजी सचिवालय से लेकर इमिग्रेशन की सेंटिंग में हवाईअड्डे से मानव तस्करी के बदले रोज कम से कम 50 लाख रुपये की वसूली की जाती थी. इसके लिए बाकायदा कोड फिक्स किया गया और इमिग्रेशन के कर्मचारियों का नंबर हर हफ्ते बदल दिया जाता था.
—————
/ पंकज दास
You may also like
ज्वैलर्स से लूट और हत्या के मामले में तीन आरोपितों को दोहरे आजीवन कारावास की सजा
मेट्रो इन डिनो... एल्बम में केके की कमी पर प्रीतम ने किया भावुक पोस्ट, प्रशंसकों बोले- नहीं होगी पहले जैसी क्यों कि...
Apollo Hospitals कंपनी देगी हर स्टॉक पर ₹10 का डिविडेंड; इस तारीख तक शेयर होल्ड करने पर मिलेगा कैश लाभ
अलग-अलग जगह हुए सड़क हादसे में दो सगे भाई सहित तीन घायल
रोहिंग्या मुस्लिमों की सच्चाई सामने लाई सारा अज़ीज़, UN ने यंग जर्नलिस्ट अवॉर्ड देकर किया सलाम!